प्रधानमंत्री विश्वकर्मा टूलकिट योजना 2025 एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है जो देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करने का लक्ष्य रखती है। यह योजना 18 विभिन्न पारंपरिक व्यवसायों के कामगारों को 15,000 रुपये के e-वाउचर के माध्यम से आधुनिक टूल्स खरीदने में मदद करती है।
आर्थिक सहायता
- 15,000 रुपये का e-वाउचर
- टूल्स खरीदने के लिए वित्तीय सहायता
- कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा
प्रशिक्षण लाभ
- 5-7 दिन की बेसिक ट्रेनिंग
- प्रशिक्षण अवधि में 500 रुपये प्रतिदिन स्टाइपेंड
- डिजिटल प्रमाणपत्र और विश्वकर्मा आईडी
पात्रता की मुख्य शर्तें
- न्यूनतम आयु: 18 वर्ष
- असंगठित क्षेत्र में स्व-रोजगार
- 18 पारंपरिक व्यवसायों में कार्यरत
शामिल पारंपरिक व्यवसाय
क्रमांक | व्यवसाय | क्रमांक | व्यवसाय |
---|---|---|---|
1 | बढ़ई | 10 | मोची/चर्मकार |
2 | लोहार | 11 | मेसन |
3 | सुनार | 12 | टोकरी/चटाई बनाने वाला |
4 | कुम्हार | 13 | खिलौना निर्माता |
5 | दर्जी | 14 | नाई |
6 | धोबी | 15 | माला बनाने वाला |
7 | मूर्तिकार | 16 | नाव निर्माता |
8 | हथौड़ा निर्माता | 17 | अस्त्र बनाने वाला |
9 | ताला बनाने वाला | 18 | मछली जाल बनाने वाला |
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- राशन कार्ड
ऑनलाइन आवेदन के चरण
- pmvishwakarma.gov.in पर जाएं
- पंजीकरण फॉर्म भरें
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
- CSC केंद्र से सत्यापन कराएं
- ट्रेनिंग में भाग लें
- e-वाउचर प्राप्त करें
महत्वपूर्ण निर्देश
- e-वाउचर केवल अधिकृत केंद्रों पर ही उपयोग किया जा सकता है
- ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी करने के बाद ही वाउचर जारी किया जाएगा
- योजना 5 वर्षों तक लागू रहेगी
लाभ और उद्देश्य
- पारंपरिक कारीगरों का आधुनिकीकरण
- आर्थिक सशक्तिकरण
- कौशल विकास
- रोजगार के अवसरों में वृद्धि
संपर्क और सहायता
- हेल्पलाइन: आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध
- ईमेल: [email protected]
- CSC केंद्र: स्थानीय सहायता के लिए
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा टूलकिट योजना भारत के पारंपरिक कारीगरों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है, जो उन्हें आधुनिक उपकरण और कौशल प्रदान करके उनकी आजीविका में सुधार करने में मदद कर रही है.
Disclaimer: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पूरी तरह से वास्तविक योजना है। यह 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक सरकारी पहल है जो 18 विभिन्न पारंपरिक कारीगरों को 3 लाख रुपये तक का रियायती ऋण प्रदान करती है।