Pension Scheme: केंद्र सरकार ने शनिवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की है। यह नई पेंशन योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी और इससे लगभग 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। इस योजना के तहत कर्मचारियों को गारंटीशुदा पेंशन, फैमिली पेंशन और न्यूनतम पेंशन का लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करेगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनकी आखिरी सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम एक नई पेंशन योजना है जो मौजूदा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की जगह लेगी। इस योजना के मुख्य फीचर्स इस प्रकार हैं:
विवरण | जानकारी |
लागू होने की तिथि | 1 अप्रैल 2025 |
लाभार्थी | लगभग 23 लाख केंद्रीय कर्मचारी |
न्यूनतम पेंशन | 10,000 रुपये प्रति माह |
गारंटीशुदा पेंशन | आखिरी सैलरी का 50% |
सरकार का योगदान | 14% से बढ़ाकर 18.5% |
कर्मचारी का योगदान | 10% (अपरिवर्तित) |
फैमिली पेंशन | पेंशनर की मृत्यु पर 60% राशि |
महंगाई राहत | CPI-IW से जुड़ी हुई |
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के मुख्य प्रावधान:
- गारंटीशुदा पेंशन: कम से कम 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट से पहले के आखिरी 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
- न्यूनतम पेंशन: कम से कम 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन मिलेगी।
- फैमिली पेंशन: पेंशनर की मृत्यु के बाद उनके परिवार को आखिरी पेंशन का 60% फैमिली पेंशन के रूप में मिलेगा।
- महंगाई राहत: पेंशन राशि औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) से जुड़ी रहेगी, जिससे महंगाई के हिसाब से पेंशन में बढ़ोतरी होती रहेगी।
यह योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। इससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और उनके परिवार की भी देखभाल हो सकेगी। आइए इस योजना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के लाभ
यूनिफाइड पेंशन स्कीम सरकारी कर्मचारियों को कई तरह के लाभ प्रदान करेगी:
- गारंटीशुदा पेंशन: इस योजना के तहत कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलने की गारंटी दी गई है। यह एक बड़ा लाभ है क्योंकि इससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित आय का आश्वासन मिलता है।
- न्यूनतम पेंशन की गारंटी: कम से कम 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन मिलेगी। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी कर्मचारी एक निश्चित न्यूनतम राशि से कम पेंशन नहीं पाएगा।
- फैमिली पेंशन: पेंशनर की मृत्यु के बाद उनके परिवार को आखिरी पेंशन का 60% फैमिली पेंशन के रूप में मिलेगा। यह प्रावधान परिवार की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
- महंगाई राहत: पेंशन राशि CPI-IW से जुड़ी रहेगी, जिससे महंगाई के हिसाब से पेंशन में बढ़ोतरी होती रहेगी। इससे पेंशनरों की क्रय शक्ति बनी रहेगी।
- सरकार का बढ़ा हुआ योगदान: सरकार अपना योगदान 14% से बढ़ाकर 18.5% कर रही है, जबकि कर्मचारियों का योगदान 10% पर ही बना रहेगा। इससे पेंशन फंड में और अधिक पैसा जमा होगा।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम और नेशनल पेंशन सिस्टम में अंतर
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं:
- गारंटीशुदा पेंशन: UPS में कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलने की गारंटी दी गई है, जबकि NPS में पेंशन की राशि बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
- न्यूनतम पेंशन: UPS में 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन का प्रावधान है, जबकि NPS में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
- सरकार का योगदान: UPS में सरकार का योगदान 18.5% है, जबकि NPS में यह 14% है।
- फैमिली पेंशन: UPS में फैमिली पेंशन का स्पष्ट प्रावधान है, जबकि NPS में यह विकल्प उपलब्ध नहीं है।
- महंगाई राहत: UPS में पेंशन CPI-IW से जुड़ी रहेगी, जबकि NPS में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम का वित्तीय प्रभाव
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के लागू होने से सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। वित्त मंत्रालय के अनुसार:
- पहले वर्ष में इस योजना पर लगभग 6,250 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
- बकाया राशि के भुगतान के लिए लगभग 800 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
- आने वाले वर्षों में यह खर्च और बढ़ने की संभावना है।
हालांकि, सरकार का मानना है कि यह खर्च कर्मचारियों के कल्याण और उनकी आर्थिक सुरक्षा के लिए आवश्यक है। इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और वे अधिक उत्साह के साथ काम करेंगे।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के लिए पात्रता
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के लिए पात्रता इस प्रकार है:
- यह योजना 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त हुए सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगी।
- मौजूदा NPS के तहत आने वाले कर्मचारियों को UPS या NPS में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा।
- 1 अप्रैल 2025 से पहले रिटायर होने वाले कर्मचारी भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे और उन्हें बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा।
- कम से कम 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारी इस योजना के तहत पेंशन पाने के पात्र होंगे।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम का कार्यान्वयन
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के कार्यान्वयन के लिए सरकार ने एक व्यापक योजना बनाई है:
- योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
- मौजूदा NPS के तहत आने वाले कर्मचारियों को UPS या NPS में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाएगा।
- कर्मचारियों को इस योजना के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न विभागों में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
- पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग इस योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा।
- राज्य सरकारों को भी इस योजना को अपनाने का विकल्प दिया जाएगा।