Government Bad News New Alert: भारत सरकार ने मंकीपॉक्स (Mpox) के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में हाई अलर्ट जारी किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। इसके बाद भारत सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए देश के सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमाओं पर सतर्कता बढ़ा दी है।
मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। इसके लक्षण चेचक जैसे होते हैं, लेकिन यह उतनी खतरनाक नहीं होती। फिर भी इसके प्रसार को रोकने के लिए सावधानी बरतना जरूरी है। भारत में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सरकार ने एहतियातन कदम उठाए हैं।
मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स एक वायरस के कारण होने वाली बीमारी है। यह वायरस पॉक्सविरिडे परिवार और ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है। इस वायरस की खोज 1958 में बंदरों में हुई थी, इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया। हालांकि अब इसे Mpox के नाम से जाना जाता है।
विवरण | जानकारी |
रोग का नाम | मंकीपॉक्स (Mpox) |
कारण | मंकीपॉक्स वायरस |
फैलने का तरीका | संक्रमित जानवर या व्यक्ति के संपर्क में आने से |
लक्षण | बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, त्वचा पर दाने |
इलाज | लक्षणों के आधार पर सहायक उपचार |
टीका | जेनेरिक स्मॉलपॉक्स वैक्सीन प्रभावी |
मृत्यु दर | 1-10% (आमतौर पर 3-6%) |
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- तेज बुखार
- सिर में दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- कमर में दर्द
- थकान महसूस होना
- सूजे हुए लिम्फ नोड्स
- त्वचा पर दाने या पपड़ी
शुरुआत में बुखार और अन्य लक्षण दिखाई देते हैं। फिर 1-3 दिनों के बाद त्वचा पर दाने निकलने शुरू हो जाते हैं। ये दाने चेहरे से शुरू होकर पूरे शरीर पर फैल जाते हैं।
भारत में मंकीपॉक्स की स्थिति
भारत में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन सरकार ने एहतियातन कई कदम उठाए हैं:
- हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमाओं पर निगरानी बढ़ाई गई है
- बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले यात्रियों की विशेष जांच की जा रही है
- दिल्ली के तीन अस्पतालों को नोडल अस्पताल बनाया गया है
- 35 प्रयोगशालाओं को मंकीपॉक्स की जांच के लिए तैयार किया गया है
- राज्य सरकारों को भी तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत में अभी मंकीपॉक्स का कोई बड़ा प्रकोप होने का खतरा कम है। फिर भी सतर्कता बरती जा रही है।
सरकार द्वारा उठाए गए कदम
भारत सरकार ने मंकीपॉक्स से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक की गई
- हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमाओं पर निगरानी बढ़ाई गई
- दिल्ली के तीन अस्पतालों को नोडल अस्पताल बनाया गया:
- सफदरजंग अस्पताल
- राम मनोहर लोहिया अस्पताल
- लेडी हार्डिंग अस्पताल
- देश भर में 35 प्रयोगशालाओं को मंकीपॉक्स की जांच के लिए तैयार किया गया
- राज्य सरकारों को भी अपने-अपने राज्यों में नोडल अस्पताल तय करने के निर्देश
- स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और IDSP इकाइयों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की गई
- जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है
- स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है
- WHO और अन्य देशों के साथ समन्वय बनाया जा रहा है
- मंकीपॉक्स के टीके और दवाओं का स्टॉक तैयार रखा जा रहा है
मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय
मंकीपॉक्स से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
- संक्रमित व्यक्तियों या जानवरों के संपर्क में आने से बचें
- अच्छी तरह से हाथ धोएं
- संक्रमित व्यक्तियों के कपड़े या बिस्तर का इस्तेमाल न करें
- संक्रमित जानवरों के मांस का सेवन न करें
- मास्क पहनें और सामाजिक दूरी बनाए रखें
- किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- यात्रा के दौरान सावधानी बरतें
निष्कर्ष
मंकीपॉक्स एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। भारत सरकार इस स्थिति पर पूरी तरह नजर रखे हुए है और सभी जरूरी कदम उठा रही है। नागरिकों को भी सतर्क रहना चाहिए और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। सही जानकारी और सावधानी के साथ हम इस बीमारी से बच सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अभी तक भारत में मंकीपॉक्स का कोई मामला नहीं आया है। लेकिन हमें सतर्क रहना होगा। किसी भी संदिग्ध मामले की सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दें। साथ ही अफवाहों से बचें और सिर्फ आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें।
मंकीपॉक्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना बहुत जरूरी है। इसके लिए सरकार मीडिया, सोशल मीडिया और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों तक सही जानकारी पहुंचा रही है। हमें भी अपने स्तर पर जागरूकता फैलानी चाहिए।
अंत में यह कहा जा सकता है कि भारत मंकीपॉक्स से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। सरकार, स्वास्थ्य विभाग और नागरिक मिलकर इस चुनौती का सामना कर सकते हैं। सतर्कता और सावधानी के साथ हम इस बीमारी को फैलने से रोक सकते हैं।