स्टूडेंट्स अलर्ट! बोर्ड एग्जाम 2025 के नए नियम लागू, जानें ग्रेस मार्क्स, रिजल्ट और पासिंग क्राइटेरिया में बड़ा बदलाव

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बोर्ड परीक्षाएं हर साल लाखों छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होती हैं। इस साल भी, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को बेहतर शैक्षणिक अनुभव प्रदान करना और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। आइए इन नए नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

इस साल की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी 2025 से शुरू होंगी और 10वीं कक्षा की परीक्षाएं 18 मार्च 2025 तक चलेंगी, जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षाएं 4 अप्रैल 2025 तक चलेंगी। इन परीक्षाओं में लगभग 42 लाख छात्र भाग लेंगे, जिनमें से 24.12 लाख 10वीं कक्षा के और 17.88 लाख 12वीं कक्षा के छात्र होंगे।

इन परीक्षाओं के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य है, जिसका अर्थ है कि छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% कक्षाओं में उपस्थित होना होगा। इसके अलावा, आंतरिक मूल्यांकन का वेटेज भी बढ़ाया गया है, जो अब कुल अंकों का 40% होगा। यह निरंतर मूल्यांकन पर जोर देने के लिए किया गया है ताकि छात्रों का समग्र विकास हो सके।

बोर्ड परीक्षा 2025

नियमविवरण
न्यूनतम उपस्थितिछात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% उपस्थिति अनिवार्य है।
कौशल-आधारित प्रश्नप्रश्न पत्र में 50% प्रश्न कौशल और क्षमता आधारित होंगे।
आंतरिक मूल्यांकनआंतरिक मूल्यांकन का वेटेज 40% होगा, जिसमें प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और परीक्षण शामिल हैं।
पाठ्यक्रम में कटौतीपाठ्यक्रम में 15% तक की कटौती की गई है।
ओपन बुक परीक्षाकुछ विषयों में ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान है।
डिजिटल मूल्यांकनचुनिंदा विषयों में डिजिटल मूल्यांकन किया जाएगा।
दो सत्र परीक्षा2026 से दो सत्र परीक्षा प्रणाली लागू की जाएगी।

बोर्ड परीक्षा 2025 के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश

  • प्रवेश पत्र: छात्रों के लिए प्रवेश पत्र अनिवार्य है। बिना प्रवेश पत्र के कोई भी छात्र परीक्षा में नहीं बैठ सकता है।
  • विषयों की व्यवस्था: परीक्षा कार्यक्रम इस तरह तैयार किया गया है कि किसी भी छात्र की दो परीक्षाएं एक ही दिन न हों।
  • प्रवेश परीक्षाओं का ध्यान: 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए प्रवेश परीक्षाओं की तारीखों का ध्यान रखा गया है ताकि वे दोनों परीक्षाओं के लिए अच्छी तरह तैयार हो सकें।
  • शिक्षकों की अनुपस्थिति: शिक्षकों को एक साथ लंबे समय तक स्कूल से अनुपस्थित नहीं रहने दिया जाएगा।
  • परीक्षा का समय: सभी परीक्षाएं सुबह 10:30 बजे से शुरू होंगी।
  • योग्यता अंक: छात्रों को प्रत्येक विषय में और कुल मिलाकर 33% अंक प्राप्त करने होंगे ताकि वे उत्तीर्ण हो सकें।

कौशल-आधारित प्रश्नों का महत्व

इस साल की बोर्ड परीक्षाओं में कौशल-आधारित प्रश्नों को विशेष महत्व दिया जा रहा है। ये प्रश्न छात्रों की व्यावहारिक क्षमता को परखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इन प्रश्नों का उद्देश्य छात्रों को सिर्फ रट्टा मारकर पास होने के बजाय वास्तविक जीवन की स्थितियों में अपने ज्ञान का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है।

कौशल-आधारित प्रश्नों के फायदे

  • व्यावहारिक ज्ञान: छात्रों को व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करने का अवसर मिलता है।
  • सृजनात्मकता: इन प्रश्नों से छात्रों की सृजनात्मकता और समस्या-समाधान कौशल में सुधार होता है।
  • वास्तविक जीवन की तैयारी: छात्र वास्तविक जीवन की चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार होते हैं।

आंतरिक मूल्यांकन का महत्व

आंतरिक मूल्यांकन का वेटेज बढ़ाकर 40% कर दिया गया है। इसका मतलब है कि छात्रों के कुल अंकों में से 40% अंक आंतरिक मूल्यांकन से आएंगे। यह निरंतर मूल्यांकन पर जोर देने के लिए किया गया है ताकि छात्रों का समग्र विकास हो सके।

आंतरिक मूल्यांकन के फायदे

  • निरंतर मूल्यांकन: छात्रों का निरंतर मूल्यांकन होता है, जिससे उनकी प्रगति का पता चलता है।
  • समग्र विकास: आंतरिक मूल्यांकन छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, न कि सिर्फ परीक्षा में प्रदर्शन पर।
  • तैयारी में सुधार: छात्रों को अपनी कमजोरियों को पहचानने और उन पर काम करने का मौका मिलता है।

पाठ्यक्रम में कटौती

इस साल के पाठ्यक्रम में 15% तक की कटौती की गई है। इसका उद्देश्य छात्रों पर अधिक दबाव न डालना और उन्हें गहराई से सीखने का अवसर प्रदान करना है। इससे छात्रों को विषयों को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।

पाठ्यक्रम में कटौती के फायदे

  • कम दबाव: छात्रों पर पाठ्यक्रम का दबाव कम होता है।
  • गहराई से सीखना: छात्र विषयों को गहराई से समझ सकते हैं।
  • संतुलित शिक्षा: शिक्षा अधिक संतुलित और प्रभावी होती है।

ओपन बुक परीक्षा और डिजिटल मूल्यांकन

कुछ विषयों में ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान किया गया है, जिससे छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान का प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है। इसके अलावा, डिजिटल मूल्यांकन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और कुशल होती है।

ओपन बुक परीक्षा और डिजिटल मूल्यांकन के फायदे

  • व्यावहारिक ज्ञान: ओपन बुक परीक्षा से छात्रों का व्यावहारिक ज्ञान परखा जाता है।
  • पारदर्शिता: डिजिटल मूल्यांकन से मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होती है।
  • कुशलता: डिजिटल मूल्यांकन से समय और संसाधनों की बचत होती है।

बोर्ड परीक्षा 2025: दो सत्र परीक्षा प्रणाली

2026 से दो सत्र परीक्षा प्रणाली लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य छात्रों को अधिक लचीलापन प्रदान करना और उनके शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार करना है। इससे छात्रों को अपनी तैयारी के अनुसार परीक्षा का चयन करने का अवसर मिलेगा।

दो सत्र परीक्षा प्रणाली के फायदे

  • लचीलापन: छात्रों को परीक्षा के समय का चयन करने का अवसर मिलता है।
  • बेहतर तैयारी: छात्र अपनी तैयारी के अनुसार परीक्षा का चयन कर सकते हैं।
  • सुधार: इससे छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार हो सकता है।

प्रैक्टिकल परीक्षा और सुरक्षा उपाय

प्रैक्टिकल परीक्षाएं बाहरी परीक्षकों द्वारा आयोजित की जाएंगी, जिससे मूल्यांकन अधिक निष्पक्ष होगा। इसके अलावा, सुरक्षा उपायों को भी मजबूत किया गया है, जैसे कि बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, डिजिटल फिंगरप्रिंटिंग, और फेस मैचिंग, ताकि परीक्षा प्रक्रिया की सत्यता सुनिश्चित हो सके।

प्रैक्टिकल परीक्षा और सुरक्षा उपायों के फायदे

  • निष्पक्षता: प्रैक्टिकल परीक्षाएं निष्पक्ष तरीके से आयोजित की जाती हैं।
  • सत्यता: सुरक्षा उपायों से परीक्षा की सत्यता सुनिश्चित होती है।
  • पारदर्शिता: परीक्षा प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होती है।

विशेष प्रावधान

इस साल की बोर्ड परीक्षाओं में राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय खेल और ओलंपियाड में भाग लेने वाले छात्रों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। यदि उनकी परीक्षा और खेल/ओलंपियाड की तारीखें एक ही दिन होती हैं, तो उन्हें वैकल्पिक तिथियों पर परीक्षा देने का अवसर दिया जाएगा।

विशेष प्रावधानों के फायदे

  • समान अवसर: सभी छात्रों को समान अवसर मिलते हैं।
  • प्रोत्साहन: छात्रों को उनकी प्रतिभा के अनुसार प्रोत्साहित किया जाता है।
  • संतुलित जीवन: छात्रों को शिक्षा और खेल दोनों में संतुलित प्रदर्शन करने का मौका मिलता है।

निष्कर्ष

बोर्ड परीक्षा 2025 में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं जो छात्रों को बेहतर शैक्षणिक अनुभव प्रदान करने और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।

इन बदलावों से छात्रों को कौशल-आधारित प्रश्नों, आंतरिक मूल्यांकन, और व्यावहारिक ज्ञान पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, सुरक्षा उपायों और विशेष प्रावधानों से परीक्षा प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष होगी।

Disclaimer: यह लेख बोर्ड परीक्षा 2025 के लिए जारी किए गए वास्तविक नियमों और दिशानिर्देशों पर आधारित है।

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यह जानकारी CBSE द्वारा जारी की गई आधिकारिक घोषणाओं से प्राप्त की गई है।यदि कोई बदलाव या अपडेट होता है, तो उसे आधिकारिक स्रोतों से सत्यापित करना उचित होगा।

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