बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बड़ा बदलाव! चौंकाने वाले नए कानून, तुरंत जानें आपका क्या होगा Bihar Land Registry Rules

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Bihar Land Registry Rules: बिहार सरकार ने हाल ही में जमीन रजिस्ट्री के नियमों में कई बदलाव किए हैं। इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य जमीन से जुड़े विवादों को कम करना और रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बनाना है। अब जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए कई नए दस्तावेज और प्रक्रियाएं जरूरी हो गई हैं।

इन नए नियमों के तहत अब केवल वही व्यक्ति जमीन बेच सकता है जिसके नाम पर जमीन दर्ज है। पहले की तरह अब दादा या परदादा के नाम की जमीन को सीधे नहीं बेचा जा सकता। साथ ही रजिस्ट्री के समय कई नए फॉर्म भरने होंगे और घोषणापत्र देना होगा। इन बदलावों से जमीन की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी।

बिहार जमीन रजिस्ट्री नियम क्या है?

बिहार जमीन रजिस्ट्री नियम राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देश हैं जो जमीन की खरीद-बिक्री और रजिस्ट्री प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं। इन नियमों के तहत:

  • अब केवल वही व्यक्ति जमीन बेच सकता है जिसके नाम पर जमीन दर्ज है
  • रजिस्ट्री के समय 15 बिंदुओं वाला एक घोषणापत्र भरना होगा
  • ऑनलाइन वेरिफिकेशन अनिवार्य हो गया है
  • स्टांप पेपर की जगह इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग शुरू की गई है
  • आधार कार्ड का उपयोग अनिवार्य किया गया है

इन नियमों का उद्देश्य जमीन विवादों को कम करना और रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।

विवरणजानकारी
नियम का नामबिहार जमीन रजिस्ट्री नियम
लागू होने की तिथि24 सितंबर, 2024
जारीकर्ता विभागराजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार
मुख्य उद्देश्यजमीन विवाद कम करना और पारदर्शिता बढ़ाना
प्रमुख बदलावकेवल मालिक ही जमीन बेच सकता है
अनिवार्य दस्तावेजआधार कार्ड, 15 बिंदु घोषणापत्र
रजिस्ट्री प्रक्रियाऑनलाइन वेरिफिकेशन अनिवार्य
स्टांपिंगइलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग शुरू

नए नियमों की मुख्य बातें

बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:

  1. केवल मालिक ही जमीन बेच सकता है – अब सिर्फ वही व्यक्ति जमीन बेच सकता है जिसके नाम पर जमीन दर्ज है। पहले की तरह दादा या परदादा के नाम की जमीन को सीधे नहीं बेचा जा सकता।
  2. 15 बिंदु घोषणापत्र अनिवार्य – रजिस्ट्री के समय विक्रेता और खरीदार दोनों को 15 बिंदुओं वाला एक घोषणापत्र भरना होगा। इसमें जमीन से जुड़ी कई जानकारियां देनी होंगी।
  3. ऑनलाइन वेरिफिकेशन जरूरी – जमीन के मालिकाना हक की ऑनलाइन जांच अनिवार्य कर दी गई है। इससे फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी।
  4. इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग – अब स्टांप पेपर की जगह इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे प्रक्रिया आसान होगी।
  5. आधार कार्ड अनिवार्य – रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड देना जरूरी हो गया है। इससे पहचान की पुष्टि होगी।

घोषणापत्र में शामिल प्रमुख बिंदु

नए नियमों के तहत रजिस्ट्री के समय 15 बिंदुओं वाला एक घोषणापत्र भरना अनिवार्य है। इसमें शामिल कुछ प्रमुख बिंदु हैं:

  • क्या जमीन विवादित है?
  • क्या जमीन पर कोई कोर्ट केस चल रहा है?
  • क्या जमीन किसी बैंक में गिरवी रखी गई है?
  • क्या जमीन का सही नक्शा उपलब्ध है?
  • क्या जमीन की सही लोकेशन की जानकारी दी गई है?
  • क्या जमीन के सभी पिछले मालिकों की जानकारी दी गई है?
  • क्या जमीन पर किसी का कब्जा है?
  • क्या जमीन पर कोई निर्माण कार्य चल रहा है?

इस घोषणापत्र में दी गई जानकारी गलत पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।

ऑनलाइन वेरिफिकेशन प्रक्रिया

नए नियमों के तहत जमीन के मालिकाना हक की ऑनलाइन जांच अनिवार्य कर दी गई है। इसके लिए निम्न प्रक्रिया अपनाई जाएगी:

  1. रजिस्ट्री कार्यालय में जमीन के दस्तावेज जमा करें
  2. कार्यालय कर्मचारी ऑनलाइन पोर्टल पर जमीन की जानकारी दर्ज करेंगे
  3. पोर्टल पर जमीन का रिकॉर्ड चेक किया जाएगा
  4. यदि कोई विसंगति मिलती है तो रजिस्ट्री रोक दी जाएगी
  5. सभी जानकारी सही पाए जाने पर ही रजिस्ट्री आगे बढ़ेगी

इस प्रक्रिया से फर्जी दस्तावेजों पर रोक लगेगी और विवाद कम होंगे।

इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग की प्रक्रिया

नए नियमों के तहत अब स्टांप पेपर की जगह इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग का इस्तेमाल किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर स्टांप शुल्क की राशि जमा करें
  2. भुगतान के बाद एक यूनिक कोड मिलेगा
  3. इस कोड को रजिस्ट्री दस्तावेज पर अंकित करें
  4. रजिस्ट्री कार्यालय में इस कोड की जांच की जाएगी
  5. कोड सही पाए जाने पर ही रजिस्ट्री आगे बढ़ेगी

इस प्रक्रिया से स्टांप पेपर की खरीद और उपयोग में होने वाली परेशानियां दूर होंगी।

आधार कार्ड का उपयोग

नए नियमों के तहत जमीन रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। इसका उद्देश्य है:

  • रजिस्ट्री कराने वाले व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करना
  • फर्जी दस्तावेजों पर रोक लगाना
  • रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल बनाना
  • भविष्य में ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा देना

आधार कार्ड के उपयोग से रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और विवाद कम होंगे।

नए नियमों का प्रभाव

बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों का व्यापक प्रभाव पड़ेगा:

  • जमीन विवाद कम होंगे
  • फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी
  • रजिस्ट्री प्रक्रिया पारदर्शी होगी
  • ऑनलाइन प्रक्रिया से समय बचेगा
  • डिजिटल रिकॉर्ड से भविष्य में सुविधा होगी
  • स्टांप पेपर की खरीद में होने वाली परेशानी दूर होगी
  • आधार कार्ड से पहचान की पुष्टि होगी

हालांकि शुरुआत में लोगों को नई प्रक्रिया समझने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है।

नए नियमों के लाभ

बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों से कई लाभ होंगे:

  1. पारदर्शिता बढ़ेगी – ऑनलाइन वेरिफिकेशन और आधार कार्ड के उपयोग से प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
  2. विवाद कम होंगे – केवल मालिक द्वारा जमीन बेचने के नियम से विवाद कम होंगे।
  3. फर्जी रजिस्ट्री रुकेगी – ऑनलाइन जांच से फर्जी दस्तावेजों पर रोक लगेगी।
  4. समय बचेगा – इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग और ऑनलाइन प्रक्रिया से समय बचेगा।
  5. रिकॉर्ड सुरक्षित रहेंगे – डिजिटल रिकॉर्ड से भविष्य में आसानी होगी।
  6. भ्रष्टाचार कम होगा – ऑनलाइन प्रक्रिया से भ्रष्टाचार के मौके कम होंगे।
  7. राजस्व बढ़ेगा – पारदर्शी प्रक्रिया से सरकार का राजस्व बढ़ेगा।

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