BED and DELED: बीएड और डीएलएड उम्मीदवारों को मिली सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खुशखबरी, जानें क्या है इसका असर आपकी ज़िंदगी पर

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हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) और डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस फैसले से उन लाखों छात्रों को राहत मिलने की उम्मीद है जो शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं। यह फैसला बीएड और डीएलएड के नियमों में बदलावों से संबंधित है, और इसका उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाना और योग्य शिक्षकों को भर्ती करना है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, बीएड और डीएलएड कर रहे या कर चुके छात्रों के लिए कई नए अवसर खुल गए हैं। यह फैसला न केवल छात्रों के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इस लेख में, हम इस फैसले के बारे में विस्तार से जानेंगे और यह भी देखेंगे कि यह छात्रों और शिक्षा क्षेत्र को कैसे प्रभावित करेगा।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब शिक्षा क्षेत्र में कई बदलाव हो रहे हैं। सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, और यह फैसला उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल योग्य शिक्षकों की भर्ती होगी, बल्कि छात्रों को भी बेहतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

बीएड और डीएलएड क्या है? (What is B.Ed and D.El.Ed?)

विशेषताबीएड (B.Ed)डीएलएड (D.El.Ed)
कोर्स का प्रकारडिग्रीडिप्लोमा
योग्यताग्रेजुएशन12वीं पास
अवधि2 साल2 साल
किसके लिएउच्च कक्षाओं के शिक्षकप्राथमिक कक्षाओं के शिक्षक
उद्देश्यमाध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक बननाप्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनना
महत्वशिक्षा के क्षेत्र में उच्च स्तरीय ज्ञान और कौशल प्रदान करता हैशिक्षण की बुनियादी समझ और कौशल विकसित करता है

बीएड कोर्स उन लोगों के लिए है जो उच्च कक्षाओं (6-12) के शिक्षक बनना चाहते हैं, जबकि डीएलएड कोर्स उन लोगों के लिए है जो प्राथमिक कक्षाओं (1-5) के शिक्षक बनना चाहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुख्य बिंदु (Main Points of Supreme Court Judgement)

सुप्रीम कोर्ट ने बीएड और डीएलएड के नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और योग्य शिक्षकों को भर्ती करना है। फैसले के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

  • प्राथमिक शिक्षक भर्ती में डीएलएड: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती में केवल डीएलएड डिग्री धारक ही पात्र होंगे। बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक स्तर की शिक्षक भर्ती में मान्य नहीं किया जाएगा।
  • बीएड डिग्री धारकों के लिए अवसर: बीएड डिग्री धारक जूनियर स्तर (कक्षा 6-8) की शिक्षक भर्ती में सम्मिलित हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य होगा।
  • अगस्त 2023 से पहले की भर्तियां: सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो भर्तियां 11 अगस्त 2023 से पहले हुई थीं, उन पर इस फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा। इसका मतलब है कि उन भर्तियों में बीएड डिग्री धारक बने रहेंगे।
  • ब्रिज कोर्स: सुप्रीम कोर्ट ने NCTE (राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद) को निर्देश दिया है कि वह बीएड डिग्री धारकों के लिए एक वर्ष का ब्रिज कोर्स शुरू करे, ताकि वे प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने के लिए योग्य हो सकें।

फैसले का प्रभाव (Impact of Judgement)

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का बीएड और डीएलएड छात्रों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।

  • डीएलएड छात्रों के लिए खुशखबरी: यह फैसला डीएलएड छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि अब वे प्राथमिक शिक्षक भर्ती में अधिक अवसर प्राप्त कर सकेंगे।
  • बीएड छात्रों के लिए चिंता: बीएड छात्रों के लिए यह फैसला थोड़ा निराशाजनक हो सकता है, क्योंकि अब वे प्राथमिक शिक्षक भर्ती में पात्र नहीं होंगे। हालांकि, वे जूनियर स्तर की कक्षाओं में पढ़ाने के लिए पात्र रहेंगे।
  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: इस फैसले से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है, क्योंकि अब प्राथमिक कक्षाओं में प्रशिक्षित और योग्य शिक्षक ही पढ़ाएंगे।

टेट और सीटेट को लेकर स्थिति (TET and CTET Updates)

सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद, कई छात्रों के मन में टेट (Teacher Eligibility Test) और सीटेट (Central Teacher Eligibility Test) को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।

छात्रों को यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें राज्य का टीईटी पास करना जरूरी होगा या सीटेट के सर्टिफिकेट के साथ ही वे राज्य की शिक्षक भर्तियों में मान्य होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में स्पष्ट किया है कि डीएलएड अभ्यर्थियों को अपने राज्य का टेट पास करना अनिवार्य होगा। हालांकि, सीटेट पास करने वाले उम्मीदवार भी राज्य की शिक्षक भर्तियों में आवेदन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों को पूरा करना होगा।

ब्रिज कोर्स का महत्व (Importance of Bridge Course)

सुप्रीम कोर्ट ने NCTE को बीएड डिग्री धारकों के लिए एक वर्ष का ब्रिज कोर्स शुरू करने का निर्देश दिया है। इस कोर्स का उद्देश्य बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करना है। ब्रिज कोर्स करने के बाद, बीएड डिग्री धारक प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने के लिए योग्य हो जाएंगे।

हाई कोर्ट का फैसला (High Court Judgement)

हाल ही में, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भी एक फैसला सुनाया है जिसमें चयनित बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर कर दिया गया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह नियुक्त किए गए बीएड शिक्षकों को हटाकर 6 महीने के भीतर बहाली प्रक्रिया पूरी करे और केवल डीएलएड वालों को ही मेरिट के आधार पर प्राइमरी शिक्षक भर्ती में नियुक्ति दे।

यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप है और यह स्पष्ट करता है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती में केवल डीएलएड डिग्री धारक ही पात्र होंगे।

B.Ed एडमिशन में गिरावट (Decline in B.Ed Admissions)

पिछले कुछ वर्षों में बीएड एडमिशन में काफी गिरावट देखने को मिली है। इसका मुख्य कारण यह है कि बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में अमान्य कर दिया गया है। इससे बीएड कोर्स की लोकप्रियता कम हो गई है और छात्र अब डीएलएड कोर्स को अधिक महत्व दे रहे हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बीएड और डीएलएड छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस फैसले से शिक्षा क्षेत्र में कई बदलाव आएंगे और योग्य शिक्षकों को भर्ती करने में मदद मिलेगी। डीएलएड छात्रों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है, जबकि बीएड छात्रों को अब जूनियर स्तर की कक्षाओं में पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है जो आपके लिए उपयोगी हो सकती है:

  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, NCTE ने बीएड और डीएलएड के नियमों में कई बदलाव किए हैं।
  • राज्य सरकारें भी अपने-अपने राज्यों में शिक्षक भर्ती नियमों में बदलाव कर रही हैं।
  • छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए NCTE और अपनी राज्य सरकार की वेबसाइटों पर नज़र रखें।

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शिक्षा एक गतिशील क्षेत्र है, और नियम और विनियम समय-समय पर बदलते रहते हैं। इसलिए, छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए विश्वसनीय स्रोतों से जुड़े रहें।

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Disclaimer: हालांकि इस लेख में दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है, लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले और NCTE के नियमों में बदलाव हो सकते हैं। इसलिए, छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए NCTE और अपनी राज्य सरकार की वेबसाइटों पर नज़र रखें। इसके अतिरिक्त, कुछ खबरें और लेख इस फैसले को “खुशखबरी” के रूप में दर्शाते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि यह फैसला बीएड डिग्री धारकों के लिए कुछ हद तक निराशाजनक हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो प्राथमिक शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे। इसलिए, छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे इस फैसले के सभी पहलुओं पर विचार करें और अपनी भविष्य की योजनाओं को ध्यान से बनाएं।

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