कर्नाटक सरकार ने कृषि अरण्य प्रोत्साह योजना (Krushi Aranya Protsaha Yojane) शुरू की है, जिसका उद्देश्य किसानों और सामान्य जनता को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना है। यह योजना 2011-12 में शुरू की गई थी और इसे कर्नाटक वन विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। इस योजना के तहत, किसानों को सबसिडी दरों पर पौधों की उपलब्धता और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे अपने खेतों में वृक्षारोपण कर सकें।
योजना का मुख्य उद्देश्य वन क्षेत्र को बढ़ाना, मिट्टी का संरक्षण करना, और जैव विविधता को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी मदद करती है। इस योजना के तहत, किसानों को पौधों की देखभाल के लिए तीन वर्षों तक वित्तीय सहायता दी जाती है।
कृषि अरण्य प्रोत्साह योजना के माध्यम से किसान न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं बल्कि अपनी आय भी बढ़ा सकते हैं। इस योजना में पौधों की विभिन्न प्रजातियों जैसे कि टीक, बांस, चंदन, और औषधीय पौधों को लगाने का अवसर मिलता है।
कृषि अरण्य प्रोत्साह योजना 2025
विवरण | विस्तार |
योजना का नाम | कृषि अरण्य प्रोत्साह योजना (KAPY) |
विभाग | कर्नाटक वन विभाग |
लाभार्थी | किसान और सामान्य जनता |
वित्तीय सहायता | ₹35 (पहले वर्ष), ₹40 (दूसरे वर्ष), ₹50 (तीसरे वर्ष) |
आवेदन मोड | ऑफलाइन/वन विभाग कार्यालय में आवेदन करें |
योग्यता | कर्नाटक राज्य के किसान होना आवश्यक है |
पौधों की लागत | ₹1 से ₹5 प्रति पौधा (पॉलीबैग आकार के अनुसार)** |
कृषि अरण्य प्रोत्साह योजना 2025: महत्वपूर्ण तिथियाँ
- आवेदन प्रारंभ तिथि: मार्च 2025
- आवेदन अंतिम तिथि: मई 2025
- प्रशिक्षण और वितरण तिथि: मानसून से पहले
- पौधों का निरीक्षण तिथि: प्रत्येक वर्ष
कृषि अरण्य प्रोत्साह योजना 2025: चयन प्रक्रिया
चयन प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
- आवेदन पत्र भरना और आवश्यक दस्तावेज़ जमा करना।
- वन विभाग द्वारा दस्तावेज़ सत्यापन।
- पौधों का वितरण।
- हर साल वन अधिकारियों द्वारा निरीक्षण।
कृषि अरण्य प्रोत्साह योजना 2025: आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- जमीन का नक्शा (पानी दस्तावेज़)
- बैंक खाता विवरण
- पौधे की जानकारी (प्रजाति, संख्या, पॉलीबैग आकार)
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
कृषि अरण्य प्रोत्साह योजना 2025: योग्यता मानदंड
- किसान को कर्नाटक राज्य का निवासी होना चाहिए।
- किसान के पास अपनी जमीन होनी चाहिए।
- केवल मान्यता प्राप्त पौधे जैसे टीक, चंदन, बांस आदि लगाए जा सकते हैं।
- अमरूद, नीलगिरी जैसे पौधे इस योजना में शामिल नहीं हैं।
कृषि अरण्य प्रोत्साह योजना 2025: आवेदन प्रक्रिया
- निकटतम वन विभाग कार्यालय जाएं।
- आवेदन पत्र प्राप्त करें और भरें।
- आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
- ₹10 पंजीकरण शुल्क जमा करें।
- आवेदन पत्र जमा करें।
- वन विभाग द्वारा पौधे वितरित किए जाएंगे।
कृषि अरण्य प्रोत्साह योजना 2025: लाभ
- किसानों को सब्सिडी दरों पर पौधे मिलते हैं।
- तीन वर्षों तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है:
- पहले वर्ष: ₹35 प्रति जीवित पौधा।
- दूसरे वर्ष: ₹40 प्रति जीवित पौधा।
- तीसरे वर्ष: ₹50 प्रति जीवित पौधा।
- मिट्टी संरक्षण और जैव विविधता बढ़ाने में मदद करता है।
- किसानों की आय बढ़ाने में सहायक।
वृक्षारोपण के लिए उपयुक्त पौधे
- टीक
- चंदन
- बांस
- सिल्वर ओक
- औषधीय पौधे
निष्कर्ष
कृषि अरण्य प्रोत्साह योजना 2025 किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए एक लाभकारी पहल है। यह न केवल किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती है। इस योजना के माध्यम से कर्नाटक राज्य में हरियाली बढ़ाने और जैव विविधता को संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।
Disclaimer: यह लेख कृषि अरण्य प्रोत्साह योजना 2025 के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। यह योजना वास्तविक है और आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार जानकारी दी गई है। उम्मीदवारों को आवेदन से पहले निकटतम वन विभाग कार्यालय जाकर जानकारी की पुष्टि करनी चाहिए।