प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) का उद्देश्य भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत, सरकार ने देशभर में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए हैं, जहाँ कारीगरों को उनके कौशल के अनुसार मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही, उन्हें विभिन्न सुविधाएँ जैसे कि ब्याज-मुक्त ऋण और टूलकिट सहायता भी प्रदान की जाएगी।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कारीगरों को अपने नजदीकी प्रशिक्षण केंद्र में जाकर आवेदन करना होगा। इस लेख में हम 2025 के लिए पीएम विश्वकर्मा प्रशिक्षण केंद्रों की सूची, योजना की विशेषताएँ, और आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
पीएम विश्वकर्मा योजना का सारांश
योजना का नाम | पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना |
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लॉन्च तिथि | 1 फरवरी 2023 |
लक्षित लाभार्थी | पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार |
कुल बजट | ₹ 13,000 करोड़ |
ऋण राशि | ₹ 3 लाख तक |
ब्याज दर | 5% प्रति वर्ष |
प्रशिक्षण अवधि | बेसिक (5-7 दिन), एडवांस (15+ दिन) |
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कारीगरों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ना और उनके कौशल को बढ़ाना है। इसके माध्यम से सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक लगभग 30 लाख कारीगरों को इसका लाभ मिले।
प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या राज्यवार
भारत में पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत विभिन्न राज्यों में कई प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहाँ पर राज्यवार प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या दी गई है:
राज्य | ट्रेनिंग सेंटर की संख्या |
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कर्नाटक | 1287 |
महाराष्ट्र | 816 |
राजस्थान | 712 |
मध्य प्रदेश | 661 |
उत्तर प्रदेश | 653 |
गुजरात | 572 |
असम | 437 |
जम्मू और कश्मीर | 412 |
आंध्र प्रदेश | 358 |
छत्तीसगढ़ | 319 |
प्रशिक्षण केंद्र कैसे खोजें?
अपने जिले में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत प्रशिक्षण केंद्र खोजने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले आपको NSDC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- डैशबोर्ड ऑप्शन पर क्लिक करें: होम पेज पर ‘Dashboard’ विकल्प पर क्लिक करें।
- Training Center विकल्प चुनें: नए पेज पर ‘Training Center’ विकल्प पर क्लिक करें।
- राज्य और जिले का चुनाव करें: अपने राज्य और जिले का चयन करें।
- लिस्ट को विस्तार से देखें: आपके सामने सभी संबंधित प्रशिक्षण केंद्रों की लिस्ट आ जाएगी।
पीएम विश्वकर्मा योजना की विशेषताएँ
- मुफ्त प्रशिक्षण: कारीगरों को मुफ्त में तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- प्रतिदिन ₹500 का वेतन: प्रशिक्षण के दौरान उम्मीदवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- टूलकिट सहायता: प्रत्येक योग्य कारीगर को ₹15,000 तक की टूलकिट सहायता दी जाएगी।
- ब्याज-मुक्त ऋण: कारीगर अपने व्यवसाय शुरू करने के लिए ₹2 लाख तक का ब्याज-मुक्त ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना का महत्व
यह योजना न केवल पारंपरिक कलाओं और शिल्पों को संरक्षित करने का कार्य करती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करती है। इससे युवा वर्ग को रोजगार के अवसर मिलते हैं और वे अपने कौशल को विकसित कर सकते हैं।
इस योजना के माध्यम से सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग भी अपने व्यवसाय शुरू कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
आवेदन प्रक्रिया
पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएं:
- ऑनलाइन आवेदन: इच्छुक उम्मीदवारों को ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना होगा।
- आवेदन फॉर्म भरें: सभी आवश्यक जानकारी भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें।
- आवेदन जमा करें: फॉर्म भरने के बाद उसे जमा करें और भविष्य में संदर्भ के लिए प्रिंट निकाल लें।
- प्रशिक्षण केंद्र से संपर्क करें: आवेदन स्वीकृत होने पर संबंधित प्रशिक्षण केंद्र से संपर्क करें।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक महत्वपूर्ण पहल है जो भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने का कार्य करती है। यह न केवल उनके कौशल को बढ़ाने में मदद करती है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी मजबूत बनाती है।
Disclaimer: यह योजना वास्तविक है और भारत सरकार द्वारा लागू की गई है। इसके तहत सभी पात्र व्यक्तियों को लाभ मिलने की संभावना है। हालांकि, सभी आवेदकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सभी आवश्यक मानदंडों को पूरा करते हों।