मात्र 100 रुपये में बनाएं बँटवारानामा और करें अपनी पुश्तैनी जमीन का सही बंटवारा Partition Deed For Ancestral Land

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Partition Deed For Ancestral Land: जमीन का बँटवारा एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति के विभाजन को कानूनी रूप देती है। यह प्रक्रिया न केवल परिवार के सदस्यों के बीच विवादों को रोकने में मदद करती है, बल्कि भविष्य में संपत्ति से जुड़े किसी भी कानूनी मुद्दे से बचने में भी सहायक होती है। बिहार में, जहाँ कई परिवारों के पास पुस्तैनी या खतियानी जमीन है, बँटवारानामा बनाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है।

इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने पुस्तैनी या खतियानी जमीन का बँटवारानामा बना सकते हैं, वो भी मात्र 100 रुपये में। हम इस प्रक्रिया के हर चरण को विस्तार से समझाएंगे, ताकि आप बिना किसी परेशानी के अपना बँटवारानामा तैयार कर सकें। साथ ही, हम आपको बताएंगे कि इस प्रक्रिया में किन-किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

बँटवारानामा क्या है और इसकी जरूरत क्यों होती है?

बँटवारानामा एक कानूनी दस्तावेज है जो परिवार के सदस्यों के बीच जमीन या संपत्ति के बंटवारे को दर्शाता है। यह दस्तावेज बताता है कि किस सदस्य को कितनी जमीन या संपत्ति मिली है। बँटवारानामा बनाने की जरूरत कई कारणों से होती है:

  1. कानूनी मान्यता: यह दस्तावेज आपके हिस्से की जमीन पर आपके अधिकार को कानूनी मान्यता देता है।
  2. विवाद निवारण: भविष्य में परिवार के सदस्यों के बीच किसी तरह के विवाद को रोकने में मदद करता है।
  3. बैंक लोन: अगर आप अपने हिस्से की जमीन पर बैंक से लोन लेना चाहते हैं, तो बँटवारानामा जरूरी होता है।
  4. जमीन बेचना: अगर आप अपने हिस्से की जमीन बेचना चाहते हैं, तो बँटवारानामा होना आवश्यक है।
  5. सरकारी योजनाओं का लाभ: कई सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी बँटवारानामा जरूरी होता है।

बँटवारानामा की जानकारी

विवरणजानकारी
दस्तावेज का नामबँटवारानामा
उद्देश्यजमीन या संपत्ति का कानूनी बंटवारा
लागतमात्र 100 रुपये
आवेदन प्रक्रियाऑफलाइन
जरूरी दस्तावेजवंशावली, मृत्यु प्रमाण पत्र, जमीन के कागजात, पहचान पत्र
समय सीमा15-30 दिन (अनुमानित)
लाभार्थीपरिवार के सदस्य
विभागराजस्व विभाग

बँटवारानामा बनाने के लिए जरूरी दस्तावेज

बँटवारानामा बनाने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जरूरत होगी। ये दस्तावेज हैं:

  1. वंशावली: यह दस्तावेज आपके परिवार के वंश को दर्शाता है।
  2. मृत व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र: अगर जमीन किसी मृत व्यक्ति के नाम पर है।
  3. जमीन के कागजात: जैसे खतियान, जमाबंदी आदि।
  4. पहचान पत्र: आधार कार्ड, वोटर आईडी या कोई अन्य सरकारी पहचान पत्र।
  5. पासपोर्ट साइज फोटो: सभी हिस्सेदारों की।
  6. बैंक पासबुक की कॉपी: जमीन के मालिक की।

बँटवारानामा बनाने की प्रक्रिया

1. वंशावली तैयार करना

सबसे पहले, आपको अपने परिवार की वंशावली तैयार करनी होगी। इसके लिए:

  • अपने गाँव के मुखिया या सरपंच से संपर्क करें।
  • उन्हें अपने परिवार का पूरा विवरण दें।
  • वे आपको एक फॉर्म देंगे, जिसे आपको भरना होगा।
  • भरे हुए फॉर्म के साथ सभी जरूरी दस्तावेजों की छायाप्रति जमा करें।
  • मुखिया या सरपंच आपकी वंशावली तैयार करके देंगे।

2. न्यायालय में जाना

वंशावली तैयार होने के बाद:

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  • अपने क्षेत्र के न्यायालय में जाएँ।
  • वहाँ एक एफिडेविट (शपथ पत्र) बनवाएँ।
  • इस एफिडेविट पर सभी हिस्सेदारों के हस्ताक्षर जरूरी हैं।

3. आवेदन जमा करना

  • राजस्व विभाग के कार्यालय में जाएँ।
  • बँटवारानामा के लिए आवेदन फॉर्म भरें।
  • सभी जरूरी दस्तावेज संलग्न करें।
  • 100 रुपये का शुल्क जमा करें।

4. जाँच प्रक्रिया

  • राजस्व विभाग आपके आवेदन और दस्तावेजों की जाँच करेगा।
  • अगर कोई कमी होगी, तो आपको सूचित किया जाएगा।
  • जरूरत पड़ने पर मौके पर जाकर जाँच भी की जा सकती है।

5. बँटवारानामा जारी होना

  • सभी औपचारिकताएँ पूरी होने के बाद, आपको बँटवारानामा जारी कर दिया जाएगा।
  • इस दस्तावेज पर सभी हिस्सेदारों के हस्ताक्षर होंगे।

बँटवारानामा बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  1. सभी हिस्सेदारों की सहमति: सुनिश्चित करें कि सभी हिस्सेदार बँटवारे से सहमत हैं।
  2. सही मापन: जमीन का सही मापन करवाएँ ताकि बाद में कोई विवाद न हो।
  3. समय सीमा: प्रक्रिया में समय लग सकता है, इसलिए धैर्य रखें।
  4. कानूनी सलाह: अगर कोई जटिलता हो, तो किसी वकील से सलाह लें।
  5. दस्तावेजों की सत्यता: सभी दस्तावेज सही और प्रमाणित होने चाहिए।

बँटवारानामा के फायदे

  1. कानूनी सुरक्षा: आपके हिस्से की जमीन पर आपका कानूनी अधिकार सुनिश्चित होता है।
  2. विवाद से बचाव: भविष्य में परिवार में किसी तरह के विवाद से बचा जा सकता है।
  3. आर्थिक लाभ: अपने हिस्से की जमीन पर लोन ले सकते हैं या उसे बेच सकते हैं।
  4. सरकारी योजनाओं का लाभ: कई सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में मदद मिलती है।
  5. स्पष्टता: प्रत्येक व्यक्ति के हिस्से का स्पष्ट रिकॉर्ड रहता है।

बँटवारानामा न बनाने के नुकसान

  1. कानूनी जटिलताएँ: बिना बँटवारानामा के जमीन बेचना या उस पर लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
  2. पारिवारिक विवाद: भविष्य में परिवार में जमीन को लेकर विवाद हो सकता है।
  3. सरकारी योजनाओं से वंचित: कई सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा।
  4. अवैध कब्जे का खतरा: बिना कानूनी दस्तावेज के, कोई भी व्यक्ति जमीन पर अवैध कब्जा कर सकता है।
  5. आर्थिक नुकसान: जमीन का सही उपयोग या लाभ नहीं ले पाएंगे।

बँटवारानामा से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

  1. प्रश्न: क्या बँटवारानामा बनाना अनिवार्य है?
    उत्तर: हाँ, अगर आप अपने हिस्से की जमीन पर कानूनी अधिकार चाहते हैं तो यह अनिवार्य है।
  2. प्रश्न: बँटवारानामा बनाने में कितना समय लगता है?
    उत्तर: सामान्यतः 15-30 दिन, लेकिन यह मामले की जटिलता पर निर्भर करता है।
  3. प्रश्न: क्या बँटवारानामा बनाने के लिए सभी भाई-बहनों की सहमति जरूरी है?
    उत्तर: हाँ, सभी हिस्सेदारों की सहमति आवश्यक है।
  4. प्रश्न: अगर कोई हिस्सेदार विदेश में रहता है तो क्या करें?
    उत्तर: उनकी ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी ली जा सकती है।
  5. प्रश्न: क्या बँटवारानामा बनाने के बाद उसमें बदलाव किया जा सकता है?
    उत्तर: हाँ, लेकिन इसके लिए फिर से पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।

अस्वीकरण (Disclaimer)

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे कानूनी सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। बँटवारानामा बनाने की प्रक्रिया और नियम राज्य-दर-राज्य भिन्न हो सकते हैं। इसलिए, सटीक जानकारी के लिए अपने स्थानीय राजस्व विभाग या किसी योग्य वकील से संपर्क करें। 100 रुपये में बँटवारानामा बनाने की योजना वास्तविक है, लेकिन यह राज्य सरकार की नीतियों और स्थानीय नियमों पर निर्भर करता है। कृपया ध्यान दें कि अतिरिक्त शुल्क लग सकता है, जैसे स्टांप शुल्क या रजिस्ट्रेशन शुल्क, जो अलग से देना पड़ सकता है। हमेशा अपने क्षेत्र के नवीनतम नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी रखें।

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