प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है, जो लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है.
वेतन आयोग का इतिहास
भारत में वेतन आयोग की यात्रा 1946 से शुरू हुई। पहला वेतन आयोग 1946-1947 में गठित किया गया था, जिसके प्रमुख विशेषताएं थीं:
- अध्यक्ष: श्रीनिवास वरदाचार्य
- न्यूनतम वेतन: ₹55/माह
- लाभार्थी: 15 लाख कर्मचारी
- मुख्य उद्देश्य: आजादी के बाद सरकारी वेतन संरचना को तर्कसंगत बनाना
लाभार्थी
- केंद्रीय कर्मचारी: लगभग 50 लाख
- पेंशनभोगी: 65 लाख से अधिक
संभावित वेतन वृद्धि
वेतन स्तर और बेसिक वेतन:
स्तर | वर्तमान बेसिक वेतन | संभावित नया बेसिक वेतन |
---|---|---|
लेवल 1 | – | ₹21,300 तक |
लेवल 2 | ₹19,900 | ₹23,880 तक |
लेवल 3 | ₹21,700 | ₹26,040 तक |
लेवल 4 | ₹25,500 | ₹30,600 तक |
लेवल 5 | ₹29,200 | ₹35,200 तक |
लेवल 6 | ₹35,400 | ₹42,480 तक |
लेवल 7 | ₹40,900 | ₹53,880 तक |
लेवल 8 | ₹47,600 | ₹57,120 तक |
लेवल 9 | ₹53,100 | ₹63,720 तक |
महत्वपूर्ण तथ्य
- ग्रेड पे: 1,800 रुपए से 2,800 रुपए तक बढ़ सकता है
- न्यूनतम बेसिक वेतन: ₹18,000 से बढ़कर ₹34,560 हो सकता है
- पेंशन: ₹17,280 तक बढ़ाई जा सकती है
कार्यकाल और महत्व
- 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा
- हर 10 साल में नया वेतन आयोग गठित किया जाता है
- अभी तक भारत में सात वेतन आयोग हो चुके हैं
यह 8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुधार है, जो उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगा।