Delhi Pollution: दिल्लीवासियों को फिलहाल राहत नहीं, ग्रेप तीन की पाबंदियों के बीच ही मनेगा दीवाली का त्योहार

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Delhi Pollution: दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024 को सुबह के समय दिल्ली का औसत AQI 312 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। कई इलाकों में तो AQI 300 से भी ऊपर पहुंच गया है।

इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू कर दिया है। इसके तहत कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। लेकिन इन सब के बीच दीवाली का त्योहार आ रहा है, जिससे प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में विस्तार से।

दिल्ली में वायु प्रदूषण की वर्तमान स्थिति

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। मंगलवार सुबह कई इलाकों में AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया:

  • आनंद विहार में AQI 317
  • आया नगर में AQI 312
  • जहांगीरपुरी में AQI 308

चांदनी चौक में स्थिति थोड़ी बेहतर थी, जहां AQI 191 दर्ज किया गया। लेकिन ज्यादातर इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही बनी हुई है।

दिल्ली प्रदूषण का ओवरव्यू

विवरणजानकारी
वर्तमान AQI312 (बहुत खराब)
सबसे प्रदूषित इलाकाआनंद विहार (AQI 317)
GRAP का चरणतीसरा चरण लागू
प्रमुख प्रदूषकPM2.5, PM10
प्रदूषण के मुख्य कारणवाहनों का धुआं, निर्माण कार्य, पराली जलाना
स्वास्थ्य पर प्रभावसांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन
सरकार द्वारा उठाए गए कदमऑड-ईवन, निर्माण कार्यों पर रोक

ग्रेप तीन के तहत लागू पाबंदियां

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेप के तीसरे चरण को लागू कर दिया है। इसके तहत कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं:

  • BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध
  • निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक (आवश्यक प्रोजेक्ट्स को छोड़कर)
  • सड़कों पर पानी का छिड़काव
  • कूड़ा जलाने पर पूरी तरह से रोक
  • प्राइमरी स्कूलों को बंद करने की सिफारिश
  • WFH को बढ़ावा देने की सलाह

इन पाबंदियों का मकसद है वायु प्रदूषण को कम करना और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करना।

दीवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध

दिल्ली सरकार ने दीवाली के मौके पर पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके तहत:

  • पटाखों की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर रोक
  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध
  • केवल ग्रीन पटाखों की अनुमति (जिनमें बेरियम साल्ट्स का इस्तेमाल नहीं होता)
  • प्रतिबंध 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेगा

लेकिन पिछले अनुभवों से पता चलता है कि इस तरह के प्रतिबंधों को लागू करना मुश्किल होता है। लोग अक्सर दूसरे राज्यों से पटाखे खरीद लेते हैं।

प्रदूषण के प्रमुख कारण

दिल्ली में वायु प्रदूषण के कई कारण हैं:

  • वाहनों का धुआं
  • निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल
  • पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना
  • औद्योगिक उत्सर्जन
  • कूड़ा जलाना
  • सर्दियों में तापमान कम होने से प्रदूषक नीचे आ जाते हैं

इनमें से पराली जलाना एक बड़ा मुद्दा है। हाल ही में दिल्ली बीजेपी नेताओं ने बताया कि पंजाब में एक दिन में 108 पराली जलाने की घटनाएं हुईं।

प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव

वायु प्रदूषण का लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है:

  • सांस लेने में तकलीफ
  • आंखों में जलन और दर्द
  • त्वचा संबंधी समस्याएं
  • फेफड़ों के रोग
  • हृदय रोग का खतरा बढ़ना
  • बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा असर

इसलिए सरकार लोगों को घर के अंदर रहने और मास्क पहनने की सलाह दे रही है।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम

दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठा रही है:

  • ग्रेप के तहत पाबंदियां लागू करना
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना
  • इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन
  • सड़कों पर पानी का छिड़काव
  • ग्रीन कवर बढ़ाना
  • प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कार्रवाई

लेकिन इन उपायों का असर धीरे-धीरे ही दिखाई देगा।

भविष्य के लिए सुझाव

दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए कुछ सुझाव:

  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को और मजबूत करना
  • इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाना
  • ग्रीन बिल्डिंग कोड को सख्ती से लागू करना
  • पराली प्रबंधन के लिए किसानों को तकनीकी और आर्थिक मदद
  • शहरी वनीकरण को बढ़ावा देना
  • प्रदूषण नियंत्रण कानूनों को कड़ाई से लागू करना
  • लोगों में जागरूकता बढ़ाना

इन उपायों को अपनाकर लंबे समय में दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है।

Disclaimer: यह लेख वर्तमान स्थिति और उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। हालांकि, वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बदलती रहती है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों का संदर्भ लें। साथ ही, प्रदूषण से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

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