दो महीने तक आसमान में दिखेंगे दो चांद! ऐसी अनोखी घटना जो कभी नहीं देखी होगी

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आकाश में चांद देखना हमेशा से ही एक सुंदर अनुभव रहा है। चांद की चांदनी रात को रोशन करती है और लोगों के मन को भी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस साल आसमान में दो महीने तक दो-दो चांद दिखाई देंगे? यह एक बेहद दुर्लभ और रोमांचक खगोलीय घटना है जो हर किसी को देखनी चाहिए।

इस साल अगस्त और सितंबर के महीनों में यह अनोखा नजारा देखने को मिलेगा। एक ही महीने में दो पूर्णिमा के चांद दिखना वाकई में बहुत खास है। यह घटना “ब्लू मून” के नाम से जानी जाती है। आइए इस लेख में इस रोचक घटना के बारे में विस्तार से जानें और समझें कि यह कैसे होती है।

ब्लू मून क्या है?

ब्लू मून एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसमें एक कैलेंडर महीने में दो पूर्णिमा के चांद दिखाई देते हैं। सामान्यतः एक महीने में केवल एक ही पूर्णिमा होती है। लेकिन कभी-कभी चंद्र चक्र के कारण एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा आ जाती है। इसे ही ब्लू मून कहा जाता है।

यह नाम थोड़ा भ्रामक हो सकता है क्योंकि इसका मतलब यह नहीं है कि चांद नीला दिखेगा। चांद का रंग वैसा ही रहेगा जैसा हमेशा होता है। “ब्लू मून” नाम केवल इस दुर्लभ घटना को दर्शाने के लिए दिया गया है।

ब्लू मून का इतिहास

ब्लू मून शब्द का इस्तेमाल पहली बार 1940 के दशक में किया गया था। उस समय एक अमेरिकी पत्रिका में इस शब्द का गलत इस्तेमाल हुआ और यह लोकप्रिय हो गया। वास्तव में यह शब्द बहुत पुराना है और इसका इस्तेमाल “कभी-कभार होने वाली घटना” के लिए किया जाता था।

आज ब्लू मून का मतलब दो अलग-अलग परिभाषाओं से लिया जाता है:

  1. एक कैलेंडर महीने में दूसरी पूर्णिमा
  2. एक ऋतु में तीसरी पूर्णिमा (जब किसी ऋतु में चार पूर्णिमा हों)

इस लेख में हम पहली परिभाषा पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो इस साल होने वाली घटना से संबंधित है।

इस साल कब दिखेंगे दो-दो चांद?

इस साल दो महीनों में ब्लू मून देखने को मिलेगा:

  1. अगस्त 2024
    • पहली पूर्णिमा: 1 अगस्त 2024
    • दूसरी पूर्णिमा (ब्लू मून): 30 अगस्त 2024
  2. सितंबर 2024
    • पहली पूर्णिमा: 29 सितंबर 2024
    • दूसरी पूर्णिमा (ब्लू मून): 30 सितंबर 2024

यह एक बेहद दुर्लभ घटना है कि दो लगातार महीनों में ब्लू मून हो। इसलिए यह अवसर बिल्कुल न चूकें।

ब्लू मून का वैज्ञानिक कारण

ब्लू मून होने का मुख्य कारण है चंद्रमा का कक्षीय समय और हमारे कैलेंडर के बीच का अंतर। चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा लगभग 29.5 दिनों में पूरी करता है। लेकिन हमारे कैलेंडर महीने 30 या 31 दिन के होते हैं (फरवरी को छोड़कर)।

इस अंतर के कारण, कभी-कभी एक महीने में दो पूर्णिमा आ जाती हैं। यह घटना हर 2.5 से 3 साल में एक बार होती है। लेकिन दो लगातार महीनों में ब्लू मून होना बहुत ही दुर्लभ है।

ब्लू मून की आवृत्ति

ब्लू मून की आवृत्ति निम्नलिखित है:

  • एक महीने में दो पूर्णिमा: हर 2.5 से 3 साल में
  • एक ऋतु में चार पूर्णिमा: हर 2.5 से 3 साल में
  • दो लगातार महीनों में ब्लू मून: हर 17 से 20 साल में

इसलिए इस साल होने वाली घटना वाकई में बहुत खास है।

ब्लू मून देखने का सबसे अच्छा समय और स्थान

ब्लू मून देखने के लिए कोई विशेष समय या स्थान की आवश्यकता नहीं होती। यह एक सामान्य पूर्णिमा की तरह ही दिखाई देगी। लेकिन इसे देखने का सबसे अच्छा समय रात का होता है जब आसमान साफ हो।

कुछ सुझाव:

  • शहर से दूर जाएं जहां प्रकाश प्रदूषण कम हो
  • खुले मैदान या पहाड़ी इलाके में जाएं
  • दूरबीन या टेलीस्कोप का उपयोग करें (जरूरी नहीं, लेकिन अच्छा रहेगा)
  • चांद के उदय होने के समय का पता लगा लें

ब्लू मून से जुड़ी रोचक जानकारियां

ब्लू मून एक दिलचस्प घटना है। आइए इससे जुड़ी कुछ रोचक बातें जानें:

  1. ब्लू मून का रंग नीला नहीं होता। यह एक सामान्य चांद की तरह ही दिखता है।
  2. कभी-कभार, वास्तव में चांद नीला दिख सकता है। यह तब होता है जब वायुमंडल में धूल या राख के कण होते हैं, जैसे किसी बड़े ज्वालामुखी विस्फोट के बाद।
  3. “एक बार ब्लू मून में” वाक्यांश का मतलब होता है कि कोई चीज बहुत कम होती है।
  4. ब्लू मून का कोई खगोलीय महत्व नहीं होता। यह केवल हमारे कैलेंडर के कारण होता है।
  5. पूरी दुनिया में एक साथ ब्लू मून नहीं होता। यह समय क्षेत्र पर निर्भर करता है।
  6. कुछ संस्कृतियों में ब्लू मून को शुभ माना जाता है।
  7. ब्लू मून के दिन कोई विशेष घटना नहीं होती। यह एक सामान्य पूर्णिमा की तरह ही होता है।

ब्लू मून का सांस्कृतिक महत्व

विभिन्न संस्कृतियों में चांद का विशेष महत्व रहा है। ब्लू मून भी कई लोगों के लिए खास होता है:

  • कुछ लोग इसे शुभ मानते हैं और नए काम शुरू करने के लिए अच्छा समय मानते हैं।
  • कई लोग इस दिन ध्यान या पूजा करते हैं।
  • कुछ संस्कृतियों में इसे रोमांटिक माना जाता है।
  • कई जगहों पर इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टि से ब्लू मून का कोई विशेष महत्व नहीं है। यह केवल एक खगोलीय घटना है।

ब्लू मून का प्रभाव

कुछ लोग मानते हैं कि ब्लू मून का मनुष्यों और प्रकृति पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। कुछ लोकप्रिय मान्यताएं हैं:

  • मूड में बदलाव
  • नींद पर असर
  • समुद्री ज्वार-भाटा में बदलाव
  • मौसम में बदलाव

लेकिन ये सभी मान्यताएं वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हैं। ब्लू मून एक सामान्य पूर्णिमा की तरह ही होता है और इसका कोई विशेष प्रभाव नहीं होता।

ब्लू मून की तस्वीरें कैसे लें?

अगर आप ब्लू मून की तस्वीरें लेना चाहते हैं, तो यहां कुछ टिप्स दी गई हैं:

  1. अच्छा कैमरा इस्तेमाल करें, स्मार्टफोन से अच्छी तस्वीरें लेना मुश्किल हो सकता है।
  2. ट्राइपॉड का इस्तेमाल करें ताकि कैमरा स्थिर रहे।
  3. मैनुअल फोकस का इस्तेमाल करें।
  4. कम ISO सेटिंग रखें।
  5. लंबे एक्सपोजर का इस्तेमाल करें।
  6. RAW फॉर्मेट में तस्वीरें लें ताकि बाद में एडिट कर सकें।
  7. चांद के साथ कुछ और चीजें भी फ्रेम में रखें जैसे पेड़ या इमारतें।

याद रखें, अभ्यास से ही अच्छी तस्वीरें आएंगी। पहले से ही प्रैक्टिस कर लें।

ब्लू मून से जुड़े मिथक और सच्चाई

ब्लू मून के बारे में कई मिथक प्रचलित हैं। आइए कुछ प्रमुख मिथकों और उनकी सच्चाई को जानें:

मिथकसच्चाई
ब्लू मून नीले रंग का होता हैगलत। ब्लू मून सामान्य चांद की तरह ही दिखता है
ब्लू मून बहुत दुर्लभ हैआंशिक सत्य। यह हर 2-3 साल में होता है
ब्लू मून का व्यवहार पर प्रभाव पड़ता हैकोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है
ब्लू मून खगोलीय रूप से महत्वपूर्ण हैगलत। यह केवल कैलेंडर की वजह से होता है
ब्लू मून हमेशा महीने के अंत में होता हैगलत। यह महीने की किसी भी तारीख को हो सकता है
ब्लू मून पूरी दुनिया में एक साथ होता हैगलत। यह समय क्षेत्र पर निर्भर करता है

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