DA Hike 2024: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 4% की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस बढ़ोतरी के बाद अब महंगाई भत्ता 50% हो गया है। यह फैसला 1 जनवरी 2024 से लागू होगा।
इस फैसले से लगभग 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। इससे कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होगी। साथ ही महंगाई से राहत मिलेगी और त्योहारों के मौसम में खर्च करने के लिए अतिरिक्त पैसे मिलेंगे।
DA Hike महंगाई भत्ता क्या है?
महंगाई भत्ता (डीए) सरकारी कर्मचारियों को दी जाने वाली एक तरह की आर्थिक सहायता है। इसका मुख्य उद्देश्य महंगाई के कारण कर्मचारियों की आय पर पड़ने वाले बोझ को कम करना है। महंगाई बढ़ने के साथ-साथ सरकार इस भत्ते में बढ़ोतरी करती रहती है।
महंगाई भत्ता कर्मचारियों के मूल वेतन का एक प्रतिशत होता है। यह प्रतिशत समय-समय पर बदलता रहता है। वर्तमान में यह 50% है, यानी कर्मचारी को अपने मूल वेतन का 50% अतिरिक्त महंगाई भत्ते के रूप में मिलेगा।
महंगाई भत्ते की गणना कैसे होती है?
महंगाई भत्ते की गणना उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर की जाती है। श्रम ब्यूरो हर महीने सीपीआई-आईडब्ल्यू (औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) का आंकड़ा जारी करता है। इसी के आधार पर महंगाई भत्ते की गणना होती है।
महंगाई भत्ते की गणना का सूत्र इस प्रकार है:
डीए% = {(वर्तमान AICPI – मूल AICPI) / मूल AICPI} x 100
जहां AICPI का मतलब है All India Consumer Price Index.
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का असर
इस बढ़ोतरी का सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए:
- अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपये है, तो उसे 9,000 रुपये (50% डीए) अतिरिक्त मिलेंगे।
- 40,000 रुपये मूल वेतन वाले कर्मचारी को 20,000 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे।
- 60,000 रुपये मूल वेतन पर 30,000 रुपये का अतिरिक्त महंगाई भत्ता मिलेगा।
इस बढ़ोतरी का असर केवल वेतन तक ही सीमित नहीं है। इससे कर्मचारियों के अन्य भत्तों और लाभों पर भी प्रभाव पड़ेगा:
- मकान किराया भत्ता (एचआरए): एचआरए की गणना मूल वेतन और डीए के योग पर होती है। डीए बढ़ने से एचआरए भी बढ़ेगा।
- ग्रेच्युटी: अधिकतम ग्रेच्युटी की सीमा मूल वेतन और डीए के 20 गुना तक है। डीए बढ़ने से यह सीमा भी बढ़ जाएगी।
- यात्रा भत्ता: यात्रा भत्ते की गणना भी मूल वेतन और डीए के आधार पर होती है। डीए बढ़ने से यह भी बढ़ेगा।
महंगाई भत्ते का इतिहास
महंगाई भत्ते की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई थी। उस समय इसे “डियर फूड अलाउंस” के नाम से जाना जाता था। 1947 में “ओल्ड टेक्सटाइल अलाउंस” भी शुरू किया गया था, जिसे 1953 में संशोधित करके “रिवाइज्ड टेक्सटाइल अलाउंस” के रूप में फिर से शुरू किया गया।
शुरुआत में महंगाई भत्ता कर्मचारियों की वेतन संशोधन की मांग के जवाब में दिया जाता था। बाद में इसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ दिया गया।
पिछले कुछ दशकों में महंगाई भत्ते में लगातार बढ़ोतरी हुई है:
वर्ष | महंगाई भत्ता |
2006 | 0% |
2010 | 35% |
2015 | 113% |
2020 | 17% |
2024 | 50% |
DA Hike महंगाई भत्ते का महत्व
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके कई कारण हैं:
- महंगाई से सुरक्षा: यह कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई से बचाता है। जैसे-जैसे चीजों के दाम बढ़ते हैं, महंगाई भत्ता भी बढ़ता है।
- जीवन स्तर में सुधार: इससे कर्मचारियों का जीवन स्तर बेहतर होता है। वे अपने परिवार के लिए बेहतर सुविधाएं जुटा पाते हैं।
- मनोबल बढ़ाना: यह कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाता है। उन्हें लगता है कि सरकार उनकी परवाह करती है।
- आर्थिक सुरक्षा: यह कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। उन्हें पता होता है कि महंगाई बढ़ने पर उनकी आय भी बढ़ेगी।
- सेवानिवृत्ति लाभ: यह सेवानिवृत्ति लाभों को भी प्रभावित करता है। ज्यादा महंगाई भत्ता मतलब ज्यादा पेंशन और ग्रेच्युटी।
महंगाई भत्ते के प्रकार
महंगाई भत्ते के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं:
- रोजगार की शर्तों के तहत दिया जाने वाला महंगाई भत्ता: यह नियमित रूप से दिया जाने वाला भत्ता है जो कर्मचारी के रोजगार अनुबंध का हिस्सा होता है।
- रोजगार की शर्तों के बाहर दिया जाने वाला महंगाई भत्ता: यह विशेष परिस्थितियों में दिया जाने वाला अतिरिक्त भत्ता है।
महंगाई भत्ते का कर पर प्रभाव
महंगाई भत्ता पूरी तरह से कर योग्य है। इसका मतलब है कि आपको अपने महंगाई भत्ते पर भी आयकर देना होगा। हालांकि, इसके कुछ फायदे भी हैं:
- महंगाई भत्ता आपकी कुल आय का हिस्सा बनता है, जिससे आपकी टैक्स योग्य आय बढ़ जाती है।
- लेकिन साथ ही, यह आपके प्रोविडेंट फंड में योगदान को भी बढ़ाता है, जो एक कर बचत निवेश है।
- इसके अलावा, यह आपकी ग्रेच्युटी राशि को भी बढ़ाता है, जो एक सीमा तक कर मुक्त होती है।
विभिन्न राज्यों में महंगाई भत्ता
केंद्र सरकार के अलावा, विभिन्न राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करती हैं। कुछ उदाहरण:
- उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार दिवाली से पहले अपने 15 लाख कर्मचारियों और 8 लाख पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में 4% की बढ़ोतरी करने की योजना बना रही है।
- ओडिशा: ओडिशा सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भतते में 4% की बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2023 से लागू होगी।
- राजस्थान: राजस्थान सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में 4% की बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी 2023 से लागू हुई है।
- महाराष्ट्र: महाराष्ट्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 3% की बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी 2023 से लागू हुई है।
- पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 3% की बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी 2023 से लागू हुई है।