Bank Rules Update 2025 : चेक बाउंस पर अब लगेगा भारी जुर्माना, जानें नया नियम और Legal Process

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चेक बाउंस की समस्या भारत में एक आम वित्तीय चुनौती है, जो अक्सर गलत बैंक बैलेंस, हस्ताक्षर की त्रुटि, या अन्य तकनीकी कारणों से उत्पन्न होती है। 2025 में चेक बाउंस से संबंधित नए नियम लागू किए गए हैं, जिनका उद्देश्य इस समस्या को नियंत्रित करना और इसे अधिक पारदर्शी बनाना है। इन नियमों में न केवल कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, बल्कि जुर्माने और सजा के प्रावधान भी संशोधित किए गए हैं।

चेक बाउंस के मामले में अब धारा 138 के तहत सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। इसके साथ ही, बैंकिंग प्रणाली में भी कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं, जैसे कि चेक लीफ चार्ज और न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता। आइए विस्तार से जानते हैं कि चेक बाउंस नई गाइडलाइन्स 2025 क्या हैं और आपको इस स्थिति में क्या करना चाहिए।

Check Bounce Rules 2025

TitleDetails (विवरण)
लागू वर्ष2025
मुख्य कानूनधारा 138, एनआई एक्ट
जुर्मानाचेक राशि का दोगुना या ₹5000 तक
सजा2 साल तक की जेल
सुधार का समय15 दिन (नोटिस के बाद)
बैंक जुर्माना₹150 से ₹750 तक
मुख्य कारणबैलेंस की कमी, हस्ताक्षर त्रुटि
समाधानसमय पर भुगतान या वैकल्पिक व्यवस्था

चेक बाउंस क्या है?

जब किसी व्यक्ति द्वारा जारी किया गया चेक बैंक द्वारा अस्वीकार कर दिया जाता है, तो इसे चेक बाउंस कहा जाता है। यह निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:

  • खाते में पर्याप्त धनराशि न होना।
  • चेक पर गलत हस्ताक्षर।
  • चेक की वैधता समाप्त होना।
  • ओवरराइटिंग या तकनीकी त्रुटियां।

इस स्थिति में, चेक प्राप्तकर्ता को वित्तीय नुकसान होता है और वह कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार रखता है।

चेक बाउंस के नए नियम 2025

2025 में लागू किए गए नए नियमों ने चेक बाउंस की प्रक्रिया को अधिक स्पष्ट और सख्त बना दिया है। इन नियमों के तहत:

  1. धारा 138 का पालन: चेक बाउंस होने पर प्राप्तकर्ता को 30 दिनों के भीतर नोटिस भेजना होगा।
  2. जुर्माना और सजा: दोषी व्यक्ति को चेक राशि का दोगुना जुर्माना भरना होगा या उसे 2 साल तक की जेल हो सकती है।
  3. बैंक जुर्माना: बैंक द्वारा भी ₹150 से ₹750 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  4. न्यूनतम बैलेंस अनिवार्यता: RBI ने निर्देश दिया है कि ग्राहकों को अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना होगा।
  5. NACH प्रणाली: अब चेक क्लियरेंस प्रक्रिया तेज हो गई है क्योंकि NACH प्रणाली सप्ताह के सभी दिनों में काम करती है।

चेक बाउंस होने पर क्या करें?

यदि आपका चेक बाउंस हो जाता है, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:

  1. बैंक मेमो प्राप्त करें: बैंक से चेक रिटर्न मेमो लें जिसमें अस्वीकार करने का कारण लिखा हो।
  2. ड्रॉअर को सूचित करें: तुरंत चेक जारी करने वाले व्यक्ति को सूचित करें।
  3. नोटिस भेजें: यदि भुगतान नहीं किया जाता, तो कानूनी नोटिस भेजें।
  4. वैकल्पिक भुगतान व्यवस्था करें: यदि संभव हो तो नकद या अन्य माध्यम से भुगतान करें।
  5. कानूनी कार्रवाई शुरू करें: यदि समस्या हल नहीं होती, तो अदालत में शिकायत दर्ज करें।

चेक बाउंस से बचने के उपाय

चेक बाउंस होने से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

  • हमेशा सुनिश्चित करें कि खाते में पर्याप्त धनराशि हो।
  • सही हस्ताक्षर करें और ओवरराइटिंग से बचें।
  • पोस्ट-डेटेड चेक जारी करें यदि भविष्य में पैसे आने वाले हों।
  • पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखें।

बैंकिंग जुर्माने और कानूनी परिणाम

चेक बाउंस होने पर बैंक द्वारा जुर्माना लगाया जाता है जो ₹150 से ₹750 तक हो सकता है। इसके अलावा, बार-बार गलती करने पर आपका खाता बंद या प्रतिबंधित भी किया जा सकता है। कानूनी परिणामों में शामिल हैं:

  • जुर्माना: चेक राशि का दोगुना।
  • सजा: 2 साल तक की जेल।
  • सिविल केस: बिना आपराधिक सजा के राशि वसूली।

निष्कर्ष

चेक बाउंस नई गाइडलाइन्स 2025 ने इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। अब यह सुनिश्चित करना जरूरी हो गया है कि आप अपने वित्तीय लेन-देन को जिम्मेदारी से संभालें। यदि आपका चेक बाउंस होता है, तो तुरंत आवश्यक कदम उठाएं ताकि आप कानूनी परेशानियों से बच सकें।

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Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी प्रदान करता है और इसे कानूनी सलाह नहीं माना जाना चाहिए। चेक बाउंस से संबंधित मामलों में विशेषज्ञ वकील से सलाह लेना उचित होगा। कानून समय के साथ बदल सकते हैं, इसलिए नवीनतम जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।

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